बेसिक स्कूलों में लंबे समय से प्रभारी प्रधानाध्यापक का काम देख रहे शिक्षकों को हाईकोर्ट लखनऊ खंडपीठ से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने प्रभारियों को प्रधानाध्यापक के मूल पद का वेतन जारी करने के निर्देश दिए हैं। कोई के इस फैसले से जिले के 187 प्रभारी प्रधानाध्यापकों को दीपावली की सौगात मिली है। शिक्षकों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ – बहराइच के जिलाध्यक्ष आनन्द मोहन मिश्र ने बताया कि सगीर अंसारी जिला कोषाध्यक्ष के अनवरत प्रयास से जनपद के विभिन्न परिषदीय विद्यालयों के इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को प्रधानाध्यापक पद का वेतन दिए जाने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस अब्दुलमुईन ने त्रिपुरारी दूबे ने बहराइच की याचिका में निखिलेश कुमार और 186 शिक्षकों की याचिका में शामिल सभी याची प्रभारी प्रधानाध्यापकों को भी इंचार्ज के रूप में कार्य करने की तिथि से ही प्रधानाध्यापक का वेतन देने के लिए आदेश जारी किया है। सगीर अंसारी ने कहा कि सभी इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को प्रधानाध्यापक पद का वेतन दिलाने के लिए महासंघ जिलाध्यक्ष आनन्द मोहन मिश्र की देखरेख में वह उच्च न्यायालय से लेकर विभाग तक लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इससे पहले जिले के 114 इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को प्रधानाध्यापक पद का वेतन देने का आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जारी किया था।