गोरखपुर जिले के सरकारी स्कूल में तैनात एक बाबू चुनाव लड़कर प्रधान बन गया। एक तरफ बाबू का वेतन ले रहा था और दूसरी तरफ प्रधान को मिलने वाला मानदेय हथियाता रहा था। शिकायत होने पर मामले की जांच कराई गई तो इसका खुलासा हुआ। डीएम ने प्रधान को बर्खास्त कर दिया। बर्खास्त प्रधान सपा नेता का बेटा है।सदर विकास खंड के नरौलीनिवासी अनिल कुमार यादव प्रधान निर्वाचित हुए। उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया। इसी दौरान गांव के अभिषेक कुमार यादव ने मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में शिकायत कर दी। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच एडीजी को सौंप दी। एडीजी ने अपने स्तर से जांच कराई जिसमें अनिल यादव दोषी पाए गए। एडीजी के पत्र के आधार पर डीएम ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपी। जिसके बाद उक्त कार्रवाई की गई।