इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद को कार्यवाहक प्रधानाचार्य के रूप में काम के लिए याची सहायक अध्यापकों को उस अवधि का प्रधानाचार्य का वेतन देने के मामले में स्मृति राज किशोरी कुशवाहा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य और महेंद्र सिंह विष्ट व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य के निर्णय के आलोक में विचार करने का निर्देश दिया है।यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने बरेली के अनिल कुमार व नौ अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचियों का कहना था कि1उन्होंने जिस अवधि में कार्यवाहक प्रिंसिपल के रूप में काम किया है, उसका पद का वेतन दिया जाए। कहा गया कि याचियों ने विभिन्न तिथियों पर कार्यवाहक प्रिंसिपल के रूप में काम किया है लेकिन उन्हें उस पद के लिए वेतन नहीं दिया गया है। उनके अधिवक्ता ने यह भी कहा कि याचियों के दावे पर स्मृति राज किशोरी कुशवाहा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य और महेंद्र सिंह विष्ट व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में पारित इस न्यायालय के निर्णयों के आलोक में विचार किया जा सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिवक्ता ने कहा कि याचियों ने इस न्यायालय में देर से संपर्क किया है लेकिन फिर भी उनके दावे पर विचार किया जा सकता है।