Mon. Oct 13th, 2025

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग अवैतनिक अवकाश लेने वाले शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को लेकर सख्त हो गया है। इनके अवैतनिक अवकाश का कोई प्रावधान नहीं है फिर भी, कुछ शिक्षक बिना किसी औपचारिक अनुमति के अवकाश लेते हैं, जिससे स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है और बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में कई शिक्षामित्र और अनुदेशक अवैतनिक अवकाश का सहारा लेकर लंबे समय तक स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं। विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी संबंधित जिलों से रिपोर्ट तलब की है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह अवकाश लेना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता को भी कमजोर करती है। शासन ने स्पष्ट किया है कि बिना मंजूरी अवकाश लेने वाले शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसमें निलंबन से लेकर वेतन कटौती और अन्य अनुशासनात्मक कदम शामिल हो सकते हैं।बेसिक शिक्षा विभाग इसकोलेकर नई नीति बनाने की तैयारी में है ताकि ऐसी अनियमितताओं पर लगाम लगाई जा सके। इसके लिए अवकाश नियमों को और सख्त करने, शिक्षकों की उपस्थिति पर निगरानी बढ़ाने और पारदर्शी व्यवस्था लागू करने की योजना है। साथ ही, जिला स्तर पर शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत किया जाएगा ताकि शिक्षकों की वास्तविक समस्याओं का समाधान हो सके।बेसिक शिक्षा के अपर शिक्षा निदेशक गणेश कुमार का कहना है कि कोई भी शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक शैक्षिक कार्यों में लापरवाही बरतेगा तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अवैतनिक अवकाश लेकर निजी कार्य करने वाले कर्मियों की जांच की जा रही है।

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