परिषदीय विद्यालयों सूरत और सीरत भले ही बदल रही है, लेकिन अभिभावकों को अपने बच्चों की पढ़ाने की रुचि अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में ही दिख रही है। तीन साल में परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की संख्या में कमी आई है।तीन साल में करीब 1.20 लाख विद्यार्थी कम हुए हैं। जिससे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी है। जिसका स्कूल संचालक पूरा फायदा भी उठा रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों के संबंध में लोगों की धारणा को बदलने के लिए सरकार और संस्थाओं ने ध्यान दिया है। विद्यालयों में संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।विद्यालयों की सूरत और सीरत में बदलाव भी दिखने लगा है। विद्यालयों को कंपोजिट विद्यालय और अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए भी व्यवस्थाएं जुटाई गई हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के आकड़ों पर गौर करें तो जिले में 3,446 परिषदीयविद्यालय हैं। जिसमें में 2,319 प्राथमिक स्तर, 620 उच्च प्राथमिक स्तर और 497 कंपोजिट विद्यालय हैं।पिछले तीन साल के आंकड़ों को देखें तो कक्षा एक से आठ तक नामांकित विद्यार्थियों में करीब 1,2,0400 विद्यार्थियों की कमी आई है। प्रेरणा पोर्टल पर नामांकित बच्चों में साल 2022-23 में 5,08,000 विद्यार्थी शामिल थे। साल 2023-24 में यह संख्या घटकर 4,37,000 पर आ गई है। चिंताजनक स्थिति साल 2024-25 में तब दिखी जब विद्यार्थियों की संख्या 3,87,562 ही रह गई।