प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को ड्रेस, बैग, जूता-मोजा के लिए की जाने वाली 1200 रुपये की डीबीटी यूं ही नहीं पिछड़ रही है। इसके पीछे विभाग की ही हीलाहवाली सामने आई है। पता चला है कि अभी तक पिछले सत्र से प्रोन्नति पाने वाले 22 लाख से अधिक बच्चों का सत्यापन ही नहीं हो पाया है। ऐसे में डीबीटी की प्रक्रिया कैसे पूरी की जा सकती है।अमर उजाला ने दो मई के अंक में “परिषदीय विद्यालयों में सत्र शुरू हुए एक माह बीता, नहीं भेजे ड्रेस के पैसे” शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जानकारी के अनुसार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे लेकर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही जल्द से जल्द इससे जुड़ी आवश्यक तैयारियों को पूरा करने का निर्देश दिया है।इसके बाद विभाग की ओर से सभी बीएसए को निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि सत्र 2024-25 में पास आउट 1.9 करोड़ बच्चों की प्रोन्नति सत्यापित की जानी है। इसमें से प्रधानाध्यापक, बीईओ व बीएसए के स्तर पर अभी भी 22 लाख से ज्यादा बच्चों की प्रोन्नति का सत्यापन नहीं किया गया है। नियमत प्रधानाध्यापक स्तर से अग्रसारित विवरण, खंड शिक्षा अधिकारी व उसके बाद बीएसए द्वारा सत्यापित किया जाता है।