प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षा और प्रवेश के बाद समर्थ पोर्टल के चक्कर में अब राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) महाविद्यालयों के हजारों शिक्षकों की पदोन्नति फंस गई है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों से समर्थ पोर्टल पर लगभग 64 कॉलम में 170 बिंदुओं पर मांगी गई सूचनाएं देने में शिक्षकों के पसीने छूट रहे हैं।प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में समर्थ पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यवस्था आसानी से लागू नहीं हो पा रही है। पहले इसके चक्कर में परीक्षाओं में देरी हुई और उनको पूर्व की प्रक्रिया से आयोजित करना पड़ा। इस सत्र से प्रवेश में समर्थ पोर्टल को लागू करने का प्रयोग भी सफल नहीं हुआ। अंत में प्रवेश भी पुरानी प्रक्रिया से ही कराने का निर्णय लिया गया। वहीं अब इसकेचक्कर में महाविद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति फंसती जा रही है।विभाग की ओर से एक अक्तूबर 2024 तक जिन शिक्षकों का प्रमोशन ड्यू है, वह ऑफलाइन होगा। इसके बाद का प्रमोशन ऑनलाइन होगा। इसके लिए शिक्षकों से समर्थ पोर्टल पर भारी भरकम सूचना मांग ली गई है। खास यह कि सिर्फ सूचना ही नहीं मांगी गई है, हर बिंदु से संबंधित कागजात भी अपलोड करने हैं। जो शिक्षक छह महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनसे भी पीएचडी कब अवार्ड हुई, इसकी तिथि और सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है।इतना ही नहीं उच्च शिक्षा विभाग ने 15 मई तक सूचना न अपलोड करने पर संबंधित शिक्षकों व प्राचार्य के वेतन रोकने के भी निर्देश दे दिए हैं। इसे लेकर 331 एडेड व 141 राजकीय महाविद्यालयों के 15 हजार से अधिक उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षक अब आंदोलन की राह पर हैं।