प्रदेश के राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों व छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध शुरू हो गया है। माध्यमिक शिक्षक संगठनों ने कहा कि इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद पहले कॉलेजों में सुविधा व संसाधन उपलब्ध कराए।राजकीय शिक्षक संघ की ओर से महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेजकर कहा गया है कि कई राजकीय विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में हैं। जहां पानी, बिजली, मोबाइल नेटवर्क, वाईफाई आदि की सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में ऑनलाइन उपस्थिति तब तक संभव नहीं है, जब तक इसके लिए तकनीकी सुविधाएं व कर्मचारी उपलब्ध न हों।संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय ने कहा है कि विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षक की नियुक्ति नहीं है। जबकि पद सृजित हैं। अधिकांश विषयों के शिक्षक नहीं है। रमसा के विद्यालय में लिपिक, चपरासी, चौकीदार भी नहीं हैं। इनके बिना व्यवस्था बनाना संभव नहीं है। वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) ने भी इसका विरोध किया है।संघ के प्रादेशिक अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह पटेल व प्रवक्ता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने शासन के उच्च अधिकारियों से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। वहीं, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि बिना तैयारी के दैनिक उपस्थिति की ऑनलाइन व्यवस्था करना मनमानी है।