Tue. Sep 9th, 2025

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों से कहा है कि लकीर के फकीर बनकर कुछ नहीं कर सकते हैं। कोई नया लक्ष्य नहीं पा सकते हैं। शिक्षा का लक्ष्य शासन नहीं गुरुजन तय करें। हम उसे लागू करेंगे। लोकभवन सभागार में शुक्रवार को राज्य शिक्षक पुरस्कार समारोह में सीएम ने कहा कि एक शिक्षक जीवन भर शिक्षक रहता है। उनमें सीखने का भाव तो होता ही है, सिखाने का जज्बा भी होना चाहिए।सीएम ने कहा कि मैंने सुल्तानपुर, बनारस में शिक्षकों को बहुत बेहतर करते हुए देखा है। लीक से हटकर जो काम करते हैं, नवाचार करते हैं, वही प्रेरणा बनते हैं। उन्होंने कहा कि पहले सिफारिश पर शिक्षक सम्मान दिए जाते थे। हमने इसके लिए पैरामीटर तय किए हैं। मैं आज बाहर था लेकिन शिक्षकों के सम्मान कार्यक्रम के लिए आया हूं ताकि अच्छे काम करने वालों को सम्मानित कर सकूं। यह वर्तमान के साथ ही भावी पीढ़ी का भी सम्मान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को कटघरे में खड़ा कर दिया गया था लेकिन अब यह बोर्ड सुधार और नवाचार के साथ देश का गर्व बन रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक किसी नौकरशाह या नेता से कम नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने वाले पथ प्रदर्शक हैं।

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ऑपरेशन कायाकल्प और प्रोजेक्ट अलंकार से बदली तस्वीर : सीएम ने कहा कि प्रदेश के विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए ऑपरेशन कायाकल्प और प्रोजेक्ट अलंकार जैसे अभियान चलाए गए। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 1.36 लाख विद्यालयों को 19 बुनियादी सुविधाओं से जोड़ा गया।वहीं, प्रोजेक्ट अलंकार में अब तक 2100 विद्यालयों को नए भवन और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए बाल वाटिका की शुरुआत की गई है। प्रदेश में 5000 से अधिक वाल वाटिकाएं खुली हैं, जिनमें 25000 से अधिक बच्चों ने शिक्षा की पहली सीढ़ी चढ़नी शुरू कर दी है।

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