परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य किए जाने के बाद अलग-अलग शिक्षक संगठन इसमें राहत की अपील कर रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रधानमंत्री व शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर 25 अगस्त 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों को इससे राहत देने की मांग की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम प्रकाश साहू ने पत्र में कहा है कि आरटीई लागू होने की तिथि व इसके बाद नियुक्त शिक्षकों को टीईटी पास करना अनिवार्य किया गया है। इसी समय पर जिन शिक्षकों के पास न्यूनतम अर्हताएं नहीं हैं, उन्हें केंद्र सरकार चाहे तो शिथिलता दे सकती है। वर्ष 2010 के पहले नियुक्त शिक्षकों की न्यूनतम अर्हता स्नातक, बीएड या एलटी, बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी थी। उन्होंने कहा है कि जिस तरह टीईटी की अनिवार्यता 20-25 साल से नौकरी कर रहे शिक्षकों के लिए की गई है क्या उसी तरह की अनिवार्यता किसी अन्य विभाग के 20-25 साल नौकरी करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए की जा सकती है। ऐसे में टीईटी लागू होने से पहले के नियुक्त शिक्षकों को इससे राहत दी जाए।