प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) कॉलेजों के कार्यवाहक प्रधानाचार्यों से काम तो पूरा लिया जा रहा है, लेकिन उनको पद के सापेक्ष वेतन नहीं दिया जा रहा है। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) ने पद का वेतन शैक्षिक सत्र 2023 से दिए जाने का मुद्दा उठाया है। साथ ही मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की भी मांग की है। संघ के प्रादेशिकअध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह पटेल व उपाध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा है कि 2023 में शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद से ही यह समस्या पैदा हुई है। क्योंकि आयोग में धारा 18 क के अंतर्गत तदर्थ पदोन्नति कर पद का अनुमोदन व वेतन भुगतान किया जाता था। नए आयोग में इस धारा को शामिल न किए जाने से यह शोषण किया जा रहा है।