समाज कल्याण विभाग अनुदानित विद्यालयों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के प्रकरण में आंच तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारियों तक पहुंच गई है। ये फर्जी नियुक्तियां 2017-18 में आजमगढ़ और मऊ के विद्यालयों में हुई थीं। शासन ने आजमगढ़ के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी बलदेव त्रिपाठी व प्रमोद कुमार सिंह और मऊ के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी मुक्तेश्वर चौबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।मऊ और आजमगढ़ में समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित तीन अनुदानित विद्यालय हैं। 2017-18 में यहां 26 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। नियम है कि प्रबंधक नियुक्तियों के लिए विज्ञापन निकालेंगे और संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पात्र कैंडीडेट के डॉक्युमेंट और अर्हता की जांच करके अपना अनुमोदन देंगे। इन शिक्षकों की तैनाती में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से अनुमोदन लिया ही नहीं गया। बीएसए का फर्जी अनुमोदन तैयार करके जिले से रिपोर्ट निदेशालय और फिर वहां से शासन को भेज दी गई।शुरुआती जांच में बीएसए के अनुमोदन पत्र के पत्रांक और दिनांक में ही गड़बड़ी मिली। इस प्रकरण में शासन के निर्देश पर हाल ही में संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। इन सभी शिक्षकों को वेतन देने पर भी रोक लगा दी गई है। कारण बताओ नोटिस का जवाब मिलने पर संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी। हालांकि, ये तीनों समाज कल्याण अधिकारी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।