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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि 12 मार्च 2018 के शासनादेश के बाद 14 अप्रैल 2018 को भर्ती शुरू की गई थी। ऐसे में शासनादेश से बदले नियमों का चयन प्रक्रिया में पालन जरूरी था।इस टिप्पणी संग कोर्ट ने बस्ती जिले के खैर औद्योगिक इंटर कॉलेज के 21 अध्यापकों के चयन को मंजूरी न देने वाले आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति दोनाडी रमेश ने मेराजुल हक व 20 अन्य की याचिका पर दिया है।मामले में औद्योगिक इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति ने जिला विद्यालय निरीक्षक बस्ती की अनुमति से सात जनवरी 2018 को प्रधानाचार्य व एलटी ग्रेड अध्यापकों के खाली पद भरने का प्रस्ताव दिया था। प्रधानाचार्य पद पर 27 फरवरी 2018 को मोहम्मद याहिया काचयन किया गया और शिक्षा निदेशक ने अनुमोदन कर दिया। इसके बाद एलटी ग्रेड अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन 24 अप्रैल 2018 को निकाला गया। जिला विद्यालय निरीक्षक को चयन सूची भेजी गई जिसे उन्होंने मंजूरी देने से इन्कार कर दिया। कहा कि विद्यालय अल्पसंख्यक संस्था है।नियमानुसार रिक्ति के तीन माह के भीतर पद भरे लिए जाने चाहिए थे। ऐसा न करने से पद स्वयं समाप्त हो गए। इसके लिए शिक्षा निदेशक के निर्देश पर पदों का पुनर्निर्धारण किया जाना चाहिए था। साथ ही चयन प्रक्रिया में 12 मार्च 2018 के शासनादेश का पालन नहीं किया गया है। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।कोर्ट ने कहा कि शासनादेश आने के बाद भर्ती विज्ञापन जारी किया गया है। ऐसे में चयन में शासनादेश लागू होगा।

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