Tue. Sep 16th, 2025

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बोर्ड परीक्षाओं में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं दो वर्षीय कार्यक्रम के रूप में मान्य होंगी। इसका अर्थ है कि किसी भी विषय में बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों को उस विषय की दो वर्षों तक पढ़ाई करना अनिवार्य होगा। उदाहरण के लिए, यदि विद्यार्थी ने नौवीं कक्षा में फैशन डिजाइनिंग और पेंटिंग को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना है, तो उसे ये दोनों विषय नौवीं के साथ-साथ 10वीं में भी पढ़ने होंगे। 10वीं में विषय बदला नहीं जा सकेगा। यही नियम 11वीं और 12वीं के लिए भी लागू होगा।सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डा. संयम भारद्वाज ने बताया कि ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुरूप हैं, जिसका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को और पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। स्पष्ट किया है कि नौवीं-10वीं में छात्र पांच मुख्य विषयों के साथ दो अतिरिक्त विषय और 11वीं-12वीं में पांच मुख्य विषयों के साथ एक अतिरिक्त विषय लेने की अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त, बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने के लिए छात्रों को कम से कम 75 प्रतिशत हाजिरी बनाए रखनी होगी और सभी विषयों में आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य होगा। यदि छात्र स्कूल नहीं आते हैं, तो उनका आंतरिक मूल्यांकन नहीं हो पाएगा और परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। नियमों का पालन न करने वाले छात्रों को आवश्यक दोहराव श्रेणी में रखा जाएगा।सीबीएसई ने चेतावनी दी है कि वे बिना बोर्ड की अनुमति नए विषय शुरू नहीं कर सकते हैं। स्कूल के पास मान्यता प्राप्त शिक्षक, लैब और संसाधन नहीं हैं, तो वे किसी विषय को मुख्य या अतिरिक्त के रूप में नहीं पढ़ा पाएंगे। वहीं, जिन विद्यार्थियों ने अतिरिक्त विषय लिया था और वे कंपार्टमेंट या आवश्यक दोहराव की श्रेणी में हैं, उन्हें निजी तौर पर परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी।

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