यूपी बोर्ड के विद्यालयों में पढ़ाई का स्तरसुधारने के उद्देश्य से आवश्यक की गई शिक्षकों और छात्रों की आनलाइन उपस्थिति व्यवस्था अब केंद्र निर्धारण में महत्वपूर्ण होगी। इसके लिए शासन से अनुमति मिलने पर केंद्र निर्धारण के समय उन विद्यालयों को 10 अंक मिलेंगे, जहां शिक्षकों व छात्र-छात्राओं की आनलाइन उपस्थिति अंकित की जा रही है। इसका उद्देश्य उन विद्यालयों का परीक्षा केंद्र बनना है, जहां शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं की विद्यालय में कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति अंकित हो। बोर्ड का मानना है कि ऐसे विद्यालयों के केंद्र बनने पर परीक्षा शुचितापूर्ण ढंग से संपन्न हो सकेगी।यूपी बोर्ड के 4500 से ज्यादा एडेड माध्यमिक विद्यालय, 2500 से ज्यादा राजकीय व 21,000 से अधिक स्ववित्तपोषित विद्यालय संचालित हैं। इनमें कक्षा 10 एवं 12 में पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या 50 लाख से अधिक होने के कारण बोर्ड परीक्षा में 8140 परीक्षा केंद्र पिछले वर्ष बने थे। ऐसे में वर्ष 2026 में भी आंकड़ा लगभग इसी तरह का मानते हुए यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारित करने की तैयारी में है। इधर, बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने पहली बार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के विद्यालयों में छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों की आनलाइन उपस्थिति अंकित किए जाने के आदेश जुलाई में जारी किए थे। समीक्षा में पाया गया कि 60 प्रतिशत से ज्यादा विद्यालयों में आनलाइन उपस्थिति अंकित की जा रही है।ऐसे में वर्ष 2026 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा नकलविहीन और शुचितापूर्ण संपन्न कराने के लिए केंद्र निर्धारण में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की तैयारी की गई है। केंद्र निर्धारण में पूर्व की तरह विद्यालय में सीसीटीवी की सुविधा होने, पिछले वर्ष केंद्र बने होने, परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत या इससे अधिक होने, स्मार्ट क्लास होने, विद्यालय में शिक्षण कक्ष की संख्या के क्रम में अंक तो दिए ही जाएंगे, साथ ही आनलाइन उपस्थिति अंकन के भी अंक की गणना की जाएगी। जिन विद्यालयों में आनलाइन उपस्थित दर्ज नहीं मिलेगी, उन्हें 10 अंक नहीं मिलेंगे।