ध्यानाकर्षण,आधारशिला और शिक्षण संग्रह हस्तपुस्तिका का सारांश –
शैशवावस्था व्यक्तित्व के विकास की दृष्टि से एक निर्णायक अवस्था होती है | इस अवस्था में माता पिता सहित अध्यापको की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है |मनोवैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर प्रमाणित रूप से यह कहा जाना उचित होगा कि “प्रत्येक बच्चा सीख सकता है|”विद्यालयों में शिक्षको/शिक्षिकाओं का स्नेह पूर्ण एवं संवेदनशील व्यवहार उनके आगामी जीवन की आधारशिला को सुनिश्चित करता है|
प्रारम्भिक शिक्षा के स्तर पर कक्षा शिक्षण रुचिकर एवं आनंददायी हो जिसके फलस्वरूप बच्चे अपनी कक्षा के अनुरूप निर्धारित दक्षताओं को भली भांति सीख सके ,इस लक्ष्य को दृष्टिगत रखकर शिक्षकों के उपयोगार्थ तीन हस्तपुस्तिकाएं विकसित की गयी है जिनका विवरण निम्नांकित है-
ध्यानाकर्षण – इस हस्तपुस्
तिका का विकास इस उद्देश्य से किया गया है कि शिक्षक उन बच्चों की सीखने में विशेष मदद करें जिन्हें शिक्षकों की सहायता की अत्यंत आवश्यकता है | इस हस्तपुस्तिका में बच्चों के चिन्हांकन,वर्गीकरण एवं विभिन्न शिक्षण तकनीकियों का उल्लेख किया गया है |इसके माध्यम से शिक्षक बच्चों को सीखने में सहयोग प्रदान कर सकेंगे |आधारशिला – इस हस्तपुस्तिका का विकास इस बात को ध्यान में रखकर किया गया है कि प्रारम्भिक स्तर पर कक्षा 1,2 में भाषा व गणित विषयों को किस प्रकार रोचक तरीको व गतिविधियों से शिक्षण कराया जाए ताकि इन विषयों पर बच्चों की समझ का विकास करते हुए मजबूत आधारशिला रखी जा सके तथा भाषाई एवं गणितीय विकास के द्वारा उनके व्यक्तित्व एवं भावी जीवन को उन्नत बनाया जा सकें |
शिक्षण संग्रह- इस हस्तपुस्तिका में रुचिकर एवं प्रभावी कक्षा शिक्षण हेतु योजना निर्माण , सक्रीय पुस्तकालय ,शिक्षक डायरी एवं आकर्षक विद्यालय भवन जो सीखने में सहायक सामग्री के रूप में कैसे विकसित किया जाए के बारे में विस्तार पूर्वक उल्लेख किया गया है |