परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों को मार्च 2025 तक 80 प्रतिशत निपुण बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। यह अभियान कक्षा एक से कक्षा तीन तक के विद्यार्थियों को भाषा व गणित में दक्ष बनाने के लिए चलाया जा रहा ■ है। ऐसे में अब डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षुओं के बी माध्यम से तीन बार मूल्यांकन कराया म जाएगा। इस वर्ष अक्टूबर व दिसंबर और मार्च 2025 में मूल्यांकन कराया प जाएगा। सभी स्कूलों को इसके संबंध , में गाइडलाइन जारी कर दी गई है।रमहानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा का निर्देश है कि जिम्मेदार न अधिकारी निपुण बनाने की तैयारियां । शुरू करें। केंद्र सरकार ने वर्ष 2026- 27 तक सभी परिषदीय स्कूलों को न निपुण बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तर प्रदेश इससे पहले ही लक्ष्य हासिल करने के लिए कमर कस चुका है। प्रदेश में कुल 1.34 लाख परिषदीय स्कूल हैं और इसमें से 80 प्रतिशत स्कूलों को अभी निपुण बनाने पर फोकस किया जाएगा अभी परिषदीय स्कूलों में औसत 60 प्रतिशत तक विद्यार्थियों की उपस्थिति रहती है। अब इसे बढ़ाकर 75 प्रतिशत तक किया जाएगा।भाषा व गणित में कमजोर विद्यार्थियों को चिह्नित कर उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कक्षाएं खत्म होने के बाद इन्हें अलग से कक्षाएं लगाकर पढ़ाया जाएगा। एकेडमिक रिसोर्स पर्सन व शिक्षक संकुल को आवंटित किए गए विद्यालयों को विशेष रूप से निपुण विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। फिलहाल विद्यालयों का निरीक्षण टास्क फोर्स गठित कर कराया जाएगा । जो कमियां मिलेंगी उसे दूर किया जाएगा।