सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से कहा है कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट)- स्नातक, 2024 में अगर किसी से 0.001 फीसदी भी गलती हुई है तो उससे उचित रूप से निपटा जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कहा कि अगर धोखाधड़ी करने वाला कोई व्यक्ति डॉक्टर बन जाए, तो वह समाज के लिए और भी अधिक हानिकारक होगा। ऐसी परीक्षाओं की तैयारी में कड़ी मेहनत लगती है। हम समय पर कार्रवाई चाहते हैं।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्र और एनटीए को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत पेपर लीक व अन्य अनियमितताओं के कारण नीट-यूजी, 2024 को रद्द करने की दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने एनटीए से कहा, परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी के तौर पर आपको निष्पक्षता से काम करना चाहिए। अगर कोई गलती है, तो कहें हां, गलती है और हम यह कार्रवाई करने जा रहे हैं। कम से कम इससे आप पर भरोसा तो होगा। हम सब जानते हैं कि परीक्षार्थी ऐसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कितनी मेहनत करते हैं। इन याचिकाओं में 5 मई को परीक्षा आयोजित करने और चार जून को नतीजे घोषित करने व परीक्षार्थियों को दिए गए ग्रेस मार्क्स पर भी सवाल उठाया गया है। मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। इसी दिन परीक्षा रद्द करने और पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग वाली अन्य याचिकाओं पर भी सुनवाई होनी है।