प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों को मानदेय पर काम करने के लिए एक शपथपत्र देना होगा कि वे निश्चित मानदेय पर कार्य करेंगे। उन्हें 11 महीने के लिए ही रखा जाएगा। नए सत्र में फिर से उनका नवीनीकरण होगा। वे अधिकतम 62 साल तक की उम्र तक मानदेय पर काम कर सकेंगे। पिछले दिनों कैबिनेट से इसका प्रस्ताव पास होने के बाद शासन ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्ता के अनुसार 09 नवंबर 2023 को हटाए गए 2254 तदर्थ शिक्षकों को मानदेय शिक्षक के रूप में तैनाती के लिए मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में समिति बनेगी। इसमें तीन अन्य सदस्य होंगे। जिन तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं 09 नवंबर 2023 को समाप्त हुई हैं, वही मानदेय शिक्षक के लिए पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता पर उन्हें पूर्व में तैनात रहे विद्यालयों में ही रखा जाएगा। अपर शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली समिति जरूरत के अनुसार जिले या मंडल में तैनात कर सकती है। मानदेय अधिकतम 11 महीने के लिए दिया जाएगा। अगले सत्र के लिए फिर से सहमति व प्रार्थना पत्र देने के बाद आगे काम लिया जाएगा। सत्र शुरू होने के 15 दिन पहले ही नवीनीकरण के लिए सहमति व प्रार्थना पत्र दिया जाएगा। यह शिक्षक सृजित या नियमित पद के सापेक्ष नहीं नियुक्त होंगे, बल्कि अतिरिक्त होंगे।