आजादी से पहले प्रयागराज जंक्शन के निकट स्थापित अग्रसेन इंटर कॉलेज का भी एक दौर था। इसमें प्रवेश के लिए पहले मारामारी होती थी। प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण होने वालों का ही एडमिशन होता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। दौर बदला, बच्चे कम हुए तो सीधे एडमिशन होने लगा। अब तो पूरी सीटें भी नहीं भर पाती हैं। बच्चों की संख्या बढ़ाना शिक्षकों के लिए चुनौती बन गई है। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करके विद्यालय की इमेज सुधारने में शिक्षक जुटे हैं। लुकरगंज में 1933 में विद्यालय की शुरुआत हुई थी। दो से ढाई हजार विद्यार्थियों की क्षमता वाले एडेड विद्यालय में सत्र में 2023-24 में 782 विद्यार्थी थे। इस सत्र केलिए छठवीं से 12वीं तक में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। यूपी बोर्ड का फार्म भरने की अंतिम तिथि पांच अगस्त तक प्रवेश लिया जाएगा। विद्यार्थियों की कमी का संकट पिछले कई वर्ष से है। कोरोना काल में यह संकट ज्यादा था। उसके सापेक्ष अब स्थिति कुछ बेहतर हुई है। बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है और इस बार आकड़ा करीब एक हजार पहुंचने के आसार हैं। विद्यालय की ग्रेडिंग – माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से विद्यालय की छह बिंदुओं पर ग्रेडिंग की गई है। उस पैमाने पर विद्यालय को बी ग्रेड मिला है। केवल शिक्षक और विद्यार्थी अनुपात को छोड़कर किसी में भी पूरे अंक नहीं मिले हैं। 200 अंकों की ग्रेडिंग में विद्यालय को 110 अंक मिले हैं। मेधावी के लिए निर्धारित 25 अंक में शून्य मिला है। सात स्टार रेटिंग में से विद्यालय को चार स्टार मिले हैं। बदलेंगे हालात शिक्षा की गुणवत्ता से ही विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती है। पिछले कई वर्ष से गुणवत्ता में आई गिरावट का नतीजा हैं कि बच्चे कम हुए हैं। अब उसे सुधारने का प्रयास हो रहा है।