हर साल पांच सितंबर को बेसिक व माध्यमिक शिक्षकों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक सम्मान से नवाजा जाता है, लेकिन विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के हजारों शिक्षकों को पांच साल से शिक्षक सम्मान का इंतजार है। उच्च शिक्षा विभाग ने बिना कारण बताए पांच साल से शिक्षक दिवस पर इनको सम्मानित नहीं कर रहा है।बेसिक व माध्यमिक की ही तरह पहले उच्च शिक्षा विभाग हर साल विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों को शिक्षक दिवस पर पुरस्कृत करता था। आखिरी वार 2019 में ये पुरस्कार दिए गए थे। 2020-21 में शिक्षक पुरस्कार की घोषणा तो हुई लेकिन पुरस्कार दिया नहीं जा सका। इस सूची में शामिल कई शिक्षक सेवानिवृत्त भी हो गए हैं। इन शिक्षकों ने कई बार विभाग से इस संबंध में पत्राचार भी किया है। इसके बाद कोविड का दौर शुरू हो गया। इससे सारी गतिविधियां ठप हो गईं और बाद में विभाग बिना कोई कारण बताए शिक्षक पुरस्कार नहीं प्रदान कर रहा है।विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के हजारों शिक्षक इससे जुड़ी आवश्यक तैयारी करके इंतजार ही कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कई बार इसके लिए विभागमें भी संपर्क किया लेकिन अपेक्षित जानकारी नहीं मिली।उप्र. विवि महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुफुक्टा) के संयुक्त मंत्री डॉ. गांगेय दीक्षित ने कहा कि शिक्षक सम्मान से अपने शैक्षिक कार्य को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलता था। काफी संख्या में शिक्षक हर साल इसके लिए आवश्यक तैयारी करके रखते हैं लेकिन बाद में उन्हें निराशा हाथ लगती है। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग से इसे फिर शुरू करने की मांग की है।