भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राजग के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन देश के 17वें उपराष्ट्रपति होंगे। उन्होंने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार वी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के बड़े अंतर से हराया। संसद भवन में मंगलवार को हुए मतदान में राधाकृष्णन को 752 वैध मतों में से प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को प्रथम वरीयता के महज 300 वोट ही मिले। 15 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की। देश में 17 बार उपराष्ट्रपति पद का चुनाव हुआ, जिसमें सर्वपल्ली राधाकृष्णन और हामिद अंसारी दो कार्यकाल तक इस पद पर रहे। निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने बताया कि 781 मतदाताओं में से 98.2 फीसदी यानी 767 ने मतदान किया। इनमें 15 वोट अवैध पाए गए, जिससे वैध मतों की संख्या 752 रह गई। एक डाक मत रद्द घोषित कर दिया गया, क्योंकि संबंधित सांसद ने वोट डालने से इन्कार कर दिया। जीत के लिए जरूरी मतों की संख्या 377 थी। राधाकृष्णन को 75 मत अधिक मिले।उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में 788 सदस्य होते हैं। इनमें 245 राज्यसभा व 543 लोकसभा से हैं। राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य भी मतदान करते हैं। अभी यह संख्या 781 है, क्योंकि राज्यसभा में छह व लोकसभा में एक सीट रिक्त है। भाजपा न सिर्फ विपक्षी इंडिया गठबंधन में सेंध लगाने में कामयाब रही, बल्कि भाजपा-कांग्रेससे समान दूरी की नीति अपनाने वाले दलों के सांसदों के बड़े हिस्से को भी अपने पक्ष में करने में सफल रही। बीजू जनता दल, भारत राष्ट्र समिति, अकाली दल और दो निर्दलीय समेत कुल 14सांसदों ने मतदान से दूरी बरती। गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के कारण यह चुनाव हुए।