परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को अपने विद्यालय के विद्यार्थियों का विवरण यू-डायस प्लस पोर्टल पर अपडेट करना अनिवार्य है। इसमें पंजीकरण से लेकर पास होकर निकलने वाले विद्यार्थियों का विवरण शामिल है। हालांकि, इस कार्य में शिक्षकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने प्रदेश के 150 विकासखंडों की सूची जारी की है, जिनमें से कई विकासखंडों की स्थिति अत्यंत असंतोषजनक है।इनमें औरैया के अछलता, कनौज के जलालालबाद, झांसी के मोठ, कुशीनगर के पडरौना और लखनऊ का मलीहाबाद शामिल हैं। इन विकासखंडों में 20 प्रतिशत से अधिक लंबित मामले हैं। प्रयागराज के मऊआइमा और कोरांव का भी उल्लेख है। यहां क्रमशः 90 और 219 स्कूल हैं। इनमें वर्ष 2023-24 में बच्चों का पंजीयन 11,828 और 31,914 है। 2025-26 में यह आंकड़ा 10,070 व 26,536 है। इनका अंतर क्रमशः 1,758 व 5,378 है। दोनों विकासखंड में 14 से 17 प्रतिशत बच्चों का विवरण अपडेट होना लंबित है। प्रतापगढ़ में रामपुर संग्रामगढ़ और लालगंज का नाम शामिल हैं। क्रमशः 124 ओर 117 विद्यालय हैं। 2023-24 में क्रमशः 9,038 व 8,400 व वर्ष 2025-26 में 7,539 व 7,031 विद्यार्थियों का पंजीयन है। लंबित प्रकरण का प्रतिशत क्रमशः 16.59 व 16.30 है। प्रयागराज मंडल के कौशांबी जनपद के चायल व सरसवां विकासखंड में क्रमशः 23.55 प्रतिशत व 22.85 प्रतिशत लंबित प्रकरण हैं।बीएसए देवव्रत सिंह के अनुसार यू-डायस डाटा अपडेट न होने पर विद्यालयों की मान्यता रद हो सकती है। पोर्टल पर डाटा अपडेट होने से विभाग की योजनाओं का सही क्रियान्वयन होता है। यदि छात्रों का विवरण पोर्टल पर न हो तो उनके दस्तावेजों को अमान्य ठहराया जा सकता है। इससे छात्र-छात्राओं के भविष्य पर संकट आ सकता है।