Thu. Sep 18th, 2025

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग 2023 में संशोधन, सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों का राजकीयकरण, अप्रैल 2005 से नियुक्त अध्यापकों को पुरानी पेंशन प्रणाली लागू करने आदि मांगों को लेकर अनुसूचित जाति/जनजाति पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक शिक्षक महासभा ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने अपना 23 सूत्रीय मांग पत्र शिक्षा निदेशक के माध्यम से राज्यपाल और मुख्यमंत्री को प्रेषित किया।प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए अनुसूचित जाति/जनजाति पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुंदर दास शास्त्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग 2023 में संशोधन करते हुए शिक्षा सेवा नियमावली, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड 1982 की चारा 12, 18 एवं 21 के प्रावधानों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रबंधतंत्र की ओर से विद्यालयों में वरिष्ठ अनुसूचित जाति के अध्यापकों को कार्यवाहक प्रधानाचार्य के पदों से वंचित करनेके मकसद से विभिन्न प्रकार के आरोप लगाकर निलंबित एवं सेवा समाप्त की जा रही है। इसके अलावा अनुसूचित जाति के अध्यापकों की पदोन्नति, वार्षिक वेतन वृद्धि, चयन वेतनमान और पदोन्नति वेतनमान आदि लाभों से वंचित कर उत्पीड़न किया जाता है। इस तरह के प्रबंधतंत्र के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। इस मौके पर मुख्य रूप से वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. छोटेलाल, उपाध्यक्ष डॉ. राम अवतार, उपाध्यक्ष राजवीर, प्रदेश कोषाध्यक्ष जयपाल शास्त्री, प्रदेश संगठन मंत्री बृजेश कुमार गौतम ने अपने विचार रखे।

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