परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति को लेकर बड़ी समस्या सामने आई है। विभागीय जांच में पाया गया कि विभिन्न स्कूलों के ड्राप बाक्स में 36,838 बच्चे हैं। ड्राप बाक्स का अर्थ है कि आनलाइन सिस्टम के जरिए छात्र रिकार्ड प्रबंधन। विशेष रूप से विद्यालय छोड़ने वाले बच्चों को ट्रैक करने के लिए यू डायस प्लस पोर्टल जैसे सिस्टम में इसका उपयोग होता है। लापता 36,838 बच्चों का कोई विवरण यू डायस पोर्टल पर अभी तक नहीं है। शिक्षकों पर इन बच्चों की तलाश का दबाव है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, लापता बच्चों की संख्या बढ़ने के कई कारण हैं, पहला पारिवारिक स्थिति ठीक न होने की वजह से बहुत से बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है। दूसरा कुछ बच्चे दूसरे स्कूलों में चले गए लेकिन उनके दूसरे विद्यालय में जाने संबंधी विवरण नहीं दर्ज किया गया। तीसरी वजह निजी स्कूलों में प्रवेश के बाद भी बच्चों का नाम सरकारी अभिलेखों से नहीं हटाया गया। इसके अतिरिक्त निर्देशों के बावजूद स्कूलों द्वारा बच्चों के नाम अपडेट या हटाने का कार्य समय से नहीं किया गया। बीएसए देवव्रत सिंह के अनुसार सत्र 2023 24 में प्रयागराज में कुल नामांकन 3,80,489 था। सत्र 2024-25 में यह आंकड़ा 3,75,837 हो गया जबकि सत्र 2025-26 में पंजीयन 3,43,651 है। कुल 3,39,706 विद्यार्थियों के विवरण अपडेट हैं लेकिन 36,838 विद्यार्थी कहां हैं उनके बारे में कुछ पता नहीं है। लापता बच्चों का प्रतिशत 9.68 है। सबसे खराब स्थिति मऊ आइमा व कौंधियारा विकासखंड की है। यहां क्रमशः स 1,495 और 1,432 विद्यार्थी लापता स हैं। बहादुरपुर विकासखंड में 1,867, बहरिया में 1,730, भगवतपुर में के 1,088, चाका में 1,612, घनुपुर में य 1,825, हंडिया में 1,242, जसरा में ग 1,755, करछना में 1,927, कौंधियारा द्वितीय में 285, कौंधियारा में 1,432, कौड़िहार प्रथम में 667, कोरांव में 3,433 विद्यार्थी लापता हैं। मांडा में 1,577, मेजा में 2,043, नगर क्षेत्र में 500, फूलपुर में 1,775, प्रतापपुर में 1,608, सहसों में 677, सैदाबाद में स 1,561, शंकरगढ़ में 2,011, सोरांव में ज 1,009, श्रृंगवेरपुर में 815, उरुवा में 2 1,320 विद्यार्थी ड्रापबाक्स में हैं। इनके बारे में अन्य विवरण नहीं है।