विगत दिनों जनपद मऊ में एक विद्यालय में मोबाइल लोकेशन के आधार पर सभी स्टाफ अनुपस्थित मिले जिसपर सभी का एक दिन का वेतन रोकते हुवे स्पष्टीकरण माँगा गया था | इस विन्दु पर सभी के अंदर एक जिज्ञासा थी किआखिर यह मोबाइल लोकेशन के आधार पर कैसे निरिक्षण हो रहा है ? आज हम इस लेख में इसी बिंदु को जानेंगे की आखिर यह निरिक्षण का नया रूप क्या है |
जनपद मऊ के उक्त प्रकरण क&
#x940; जानकारी हेतु जब हमने पता करने का प्रयास किया तो यह जानकारी मिली की उक्त प्रकरण कोई नया कार्य नहीं है अपितु यह विगत कई वर्षो से चला आ रहा है | इसमे बी.एस.ए. के द्वारा नामित एक व्यक्ति द्वारा विद्यालय अवधि में किसी विद्यालय में किसी अध्यापक को फोन किया जाता है और उससे सभी शिक्षकों से बात कराने को कहा जाता है जिस विद्यालय में फोन किया जाता है उस विद्यालय के समस्त स्टाफ का नाम और नम्बर सामने रखा हुवा होता है जिससे सभी के नाम के साथ आसानी से बात की जा सकें | यदि कोई अध्यापक यह कहता है की वह स्कूल में है तो उससे बाकी लोगो से बात कराने को कहा जाता है यदि वह वास्तव में स्कूल में होता है तो आसानी से सभी से बात करा देता है अन्यथा इसी से उनके स्कूल में न होने की पुष्टि हो जाती है | यदि वह बाकियों से बात नहीं करा पता तो अन्य के नम्बर पर काल किया जाता है और उक्त क्रम पुनः दोहराया जाता है | उक्त प्रकरण जिससें समस्त स्टाफ को मोबाइल लोकेशन के आधार पर गायब रहने की बात कही जा रही है उसमे इसी प्रक्रिया को अपनाया गया था |इस प्रक्रिया को तत्कालीन बी.एस.ए. ओ.पी.त्रिपाठी जी ने प्रारम्भ किया था जिसे वर्तमान बी.एस.ए. संतोष सिंह जी ने जारी रखा |