प्रदेश में बिना मान्यता के चल रहे शिक्षण संस्थानों के खिलाफ हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई), (बीसीयूपी) समेत श्रीरामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (एसआरएमयू) बाराबंकी को दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही एसआरएमयू को विधि कोर्स चलाने की मंजूरी के दस्तावेज वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है।न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को यह आदेश प्रदेश में बिना मान्यता के चल रहे शिक्षण संस्थानों के खिलाफ सौरभ सिंह की जनहित याचिका पर दिया। याचिका में बाराबंकी के श्रीरामस्वरुप कॉलेज में कानून की कथित फर्जी डिग्री प्रकरण का मुद्दा भी उठाया गया है। याची का कहना है कि कॉलेज के पास विधि शिक्षा देने की मंजूरी नहीं थी। इसके बावजूद छात्रों का दाखिला लिया गया। यह न केवल छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़है, बल्कि कानून के भी खिलाफ है। याचिका का विरोध करते हुए राज्य के मुख्य अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले की जांच करा रही है। ऐसे में याचिका खारिज करने योग्य है। एसआरएमयू के अधिवक्ता अमित जायसवाल ने कोर्ट को बताया कि बीसीआई ने यूनिवर्सिटी को विधि कोर्स चलाने की मंजूरी 3 सितंबर को दे दी है।